"Anant Koti Brahmand Nayak Raja Dhiraj Yogi Raj Par Brahm Shri Satchidananda Sadguru Sai Nath Maharaj Ki Jai."

sai baba shayari

Through the website www.saijagat.com, we will endeavor to provide every possible information of the MorningVision to all the devotees. Although Shreesaibaba ji has many temples throughout India, but his main temple is a famous town in Shirdi district of Maharastra, where SAI Baba ji's world famous temple is located. Ramnavami, Guru purnima and Vijaydashmi is the main festivals Shree Sai Baba ji.

शिरडी साईंबाबा जी कहे

पलके झुका के नमन करे, 
मस्तक झुका के वंदना करे, 
ऐसी नज़र दे दे मेरे कान्हा, 
जो बंद होते ही आपके दीदार करे,

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे

बाबा तुमने अपनी आँखों में नूर छुपा रखा है,
होश वालो को दीवाना बना रखा है!
नाज कैसे न करू तुम पर प्यारे,
मुझ जैसे नाचीज़ को ख़ास बना रखा है!!

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे

गुण अवगुण सब तेरे अर्पण।। 

बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण।। 

ये जीवन भी तेरी अर्पण।। 

पाप पुण्य सब तेरे अर्पण।।

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे :

जो मानव अपनी की हुई गलतियों के लिये शर्मिंदा होता हैं , जिसे यह आभास होता हैं की जो उसने किया वह गलत हैं और जिसके अंदर पश्चाताप की भावना होती हैं , वह मानव उस परवरदिगार की नज़रों मे बेकसूर होता हैं ।
वही दूसरी तरफ़ जो मानव बार - बार गलतियों को दोहराता हैं, जिसके अंदर शर्म और पश्चाताप नहीँ हैं, वह भले ही दुनियाँ की नज़रों मे अच्छा हो, उस परवरदिगार की नज़रों मे वह दंडनीय हैं ।

 

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे:

अतीत पे धयान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो।

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे :

पाप और पुण्य दोनो हमारे हाथ मे हैं , परंतु उसका परिणाम या फल उस परवरदिगार के हाथ मे हैं ।
वो हर जगह हैं और तुम्हारे एक एक कर्म का लेका जोखा उसके पास हैं ।
कभी कभी जब पाप धरती पर ज्याद भड़ जाता हैं तो उस परवरदिगार को किसी न किसी रूप मे अवतार लेना ही पड़ता हैं ।
कोई उसे ईसा कहता हैं तो कोई नानक ,
कोई राम तो रहमान ,
कोई बुद्ध तो कोई कृष्णा और कोई साईंबाबा 

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे:

इस पृथ्वी तल पर जो भी रचना है, वह बेकार नहीं है। विधाता ने बड़ी ही सूझ-बूझ से रचना की है और कहीं न कहीं प्रकृति के जीवन चक्र से जुड़ी है। इसे नष्ट करने की कोशिश बहोत खतरनाक होती है, वृक्ष काटे जाने से पशु-पक्षी कम होते हैं तथा अति-वृष्टि, अकाल का सामना करना पड़ता है। सागर के साथ मनमानी तरीके से छेड़-छाड़ करना तूफान का कारण बनता हैं ।
यह प्रकिति कुदरत की देन हैं इसका ख़याल तुम रखोगे तो यह तुम्हारा ख़याल रखेगी ।

 

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे :

अपने मन को उस अल्लाह / ईश्वर का घर बना लो , उसमे भक्ति रूपी दिया रख , श्रद्धा रूपी तेल डालो और विश्वास की ज्योति जला लो ।
और फ़िर तुम्हारे जीवन मे सुख और ज्ञान का प्रकाश अपने आप प्रजल्वीत हो उठेगा । 

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम

शिरडी साईंबाबा जी कहे:

जब कोई मानव दुखी होता है तो बहुत से लोग, रिश्तेदार, मित्र आते हैं अफसोस करते हैं और चले जाते है । लेकिन सच्चा मित्र, सच्चा सारथी वही कहलाता है जो उस दुख को समझने के साथ-साथ, उसे बांटने की कोशिश करें, उसे कम करने की कोशिश करें ।

सबका मालिक एक
ॐ साईं राम