"Anant Koti Brahmand Nayak Raja Dhiraj Yogi Raj Par Brahm Shri Satchidananda Sadguru Sai Nath Maharaj Ki Jai."

sai baba miracles

Through the website www.saijagat.com, we will endeavor to provide every possible information of the MorningVision to all the devotees. Although Shreesaibaba ji has many temples throughout India, but his main temple is a famous town in Shirdi district of Maharastra, where SAI Baba ji's world famous temple is located. Ramnavami, Guru purnima and Vijaydashmi is the main festivals Shree Sai Baba ji.

साई बाबा के चमत्कार

★ एक बार एक गांव में एक व्यक्ति की एक बेटी अचानक खेलते हुये। वहां के कुएं में गिर गई। लोगों को लगा कि वह डूब रही है। सब वहां दौड़कर गये और देखा कि वह हवा में लटकी हुई है और कोई अदृश्य शक्ति उसे पकड़े हुये है। वे और कोई नहीं बल्कि साईं बाबा ही थे, क्योंकि वह बच्ची कहती थी कि मैं साई बाबा की बहन हूँ। अब लोगों को कोई और स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं थी।

★सांईं बाबा प्रतिदिन मस्जिद में दिया जलाया करते थे। एक बार शिर्डी गावं के दुकानदार ने साईं बाबा को दीपक जलाने के के लिये तेल नही देता है और उनसे बहाने बनाता है। साईं बाबा उनके इस बर्ताव से बहुत दुःखी होते है। साईं बाबा अपने तेल वाले बर्तन जिसमे नगण्य तेल होता है, उसमे पानी भर के पी जाते। फिर वही पानी मुंह से उसी बर्तन में निकल कर दीपकों में भर लेते है, सारी रात वो दीपक उसी तरह प्रज्वलित होते है जैसे वो घी से जल रहे हो। शिर्डी गावं के दुकानदार यह चमत्कार देखकर बहुत शर्मिंदा होते है और बाबा साईं की जय जयकार लगाते है।

★खेत को जलने से बचाना - एक बार साईं बाबा अपने किसी भक्त को कहते है कि तुम्हारा खेत जलने के करीब है जाओ अपना खेत संभालो व्ळ व्यक्ति जब अपने खेत को देखता है तो वहां एक छोटी से चिंगारी उसे दिखाई देती है और तेज हवाओ से वो ज्वाला बन कर खेत को जलाने की तैयारी में हो जाती है, वो व्यक्ति साईं बाबा को दिल से मदद के लिये पुकारता है। साईं बाबा उसकी करुण पुकार सुनकर अपने हाथो में पानी लेकर शांति शांति के मंत्र बोल कर उस जवाला को शांत करा देते है।

★बारिश को रोकना - एक बार साईं बाबा जी के भक्त बहुत दूर से बाबा के दर्शन के लिये आये थे और जब वह जाने लगा तो जोरों से बारिश होने लगी। तब उनका भक्त परेशान होने लगा, तब साई बाबा ने उनकी परेशानी को देखकर कहा, हे अल्लाह ! बारिश को रोक दो, मेरे बच्चों को घर जाना है और तत्काल ही बारिश रुक गई।

★ एक दिन बाबा ने 3 दिन के लिये अपने शरीर को छोड़ने से पहले म्हालसापति से कहा कि यदि मैं 3 दिन में वापस लौटूं नहीं तो मेरे शरीर को अमुक जगह पर दफना देना। 3 दिन तक तुम्हें मेरे शरीर की रक्षा करना होगी। धीरे-धीरे बाबा की सांस बंद हो गई और शरीर की हलचल भी बंद हो गई। सभी लोगों में खबर फैल गई कि बाबा का देहांत हो गया है। डॉक्टर ने भी जांच करके मान लिया कि बाबा शांत हो गये हैं। लेकिन म्हालसापति ने सभी को बाबा से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि 3 दिन तक इनके शरीर की रक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। गांव में इसको लेकर विवाद हो गया लेकिन म्हालसापति ने बाबा के सिर को अपनी गोद में रखकर 3 दिन तक जागरण किया। किसी को बाबा के पावन शरीर को हाथ भी नहीं लगाने दिया। 3 दिन बाद जब बाबा ने वापस शरीर धारण किया, तो जैसे चमत्कार हो गया। चारों ओर हर्ष व्याप्त हो गया।